[ चुड़ैल मां की कहानी ]
एक गांव मे रामू नाम का एक लड़का रहता था उसके मां-बाप बचपन में ही गुजर गए थे, घर में अकेला ही रहता था थोड़ा और बड़ा हो गया सब खाने की लालच देकर उससे काम करवाते थे और बदले में कभी उसे खाना देते और कभी नहीं देते थे | एक दिन वह सेठ जी से बोला मुझे किसी ने कुछ खाने को नहीं दिया आप मुझे कुछ खाने को दे दीजिए पर वह सेठ रामू की तरफ देखा ही नहीं |
यह सब हरी काका देख रहे थे हरि काका ने कहा रामू बिना मेहनत के रोटी नहीं मिलती रामू ने कहा कोई भी काम करने को तैयार हूं आप मुझे काम दीजिए और उस काम के पूरा हो जाने के बाद मुझे खाने के लिए रोटी दीजिएगा | हरी काका बहुत बूढे़ थे, उन्होंने रामू से कहा मेरे घर के दरवाजे पर थोड़ी मिट्टी का ढेर है,
तुम उस मिट्टी को बोरों में भरकर मेरे खेतों में डाल दो इसके बदले में मैं तुम्हें रोटी दूंगा |
रामू ने कहा ठीक है, रामू ने बड़ी मेहनत करके उस मिट्टी के ढेर को बोरों में भरा खेत में डालकर आया 4 घंटे की मेहनत के बाद सारा काम खत्म हुआ हरि काका के पास गया और उनसे बोला मैंने आपका सारा काम कर दिया है, आप चाहे तो चल कर देख लें हरि काका ने कहा - ठीक है ठीक है, अब जाओ ! रामू ने कहा आपने तो मुझसे कहा था कि काम खत्म होने के बाद आप मुझे रोटी देंगे अब मैंने आपका काम कर दिया है इसलिए अब आप मुझे रोटी दीजिए |
हरि काका बोले नहीं मैंने तुमसे ऐसा कोई वादा नहीं किया तुम खुद मेरी मदद करने आए थे, ऐसा कह वहां से भगा दिया रामू रोता हुआ गांव के बाहर की तरफ जाने लगा चलते-चलते रामू ने अपने आप से कहा मेरे भाग्य में खाना नही है - अब थोड़ी देर के बाद रामू को एहसास हुआ कि वह एक चिटा ( शमसान ) के पास आ गया है और उसे याद आया अरे यहां तो चुड़ैल रहती है, तभी उसकी नजर वहां बनी एक झोपड़ी पर गई वह झोपड़ी बड़ी ही सुंदर थी |
उसके आसपास बहुत सुंदर फूल पेड़ फल और झरना बह रहा था | फलों को देखकर लालच आया और रामू ने सोचा अब इन फलों को खा कर ही मैं अपनी भूख शांत कर लेता हूं | फिर रामू ने जैसे ही वह फल तोड़ा चुडैस आ गई और उसने कहा कौन है तू ?
मेरे पेड़ के फल को तोड़ने की तेरी हिम्मत कैसे हुयी ?
रामू रोने लगा बोला क्या करूं तीन दिन से भूखा हूं | चुडैल को मासूम रामू बड़ा प्यारा लगा और उसने कहा कौन हो तुम क्या तुम्हें नहीं मालूम कि यह मेरा घर है और यहां मेरी इजाजत के बिना कोई नहीं आता और तुमने तो मेरी इजाजत लिए बिना मेरे पेड़ के फल को तोड़ लिया |
रामू रोते रोते बोला मेरा नाम रामू है मैं पास के गांव में रहता हूं बहुत भूखा हूं, मैंने पिछले 3 दिनों से कुछ नहीं खाया मुझे मालूम है कि यह आपका घर है, लेकिन मेरे मन में लालच आ गया और मैंने आपसे बिना पूछे इन को तोड़ने की गलती करी आप मुझे माफ कर दीजिए |
रामू की बात चुड़ैल हैरानी से सुन रही थी बोली अरे इंसान तो बहुत दयालु होते हैं, तो फिर भी किसी ने खाना नहीं दिया ? तुमने 3 दिनों से कुछ क्यों नहीं खाया ? तुम्हारे घर वाले कहां है ? तुम्हारी मां ने तुम्हें कुछ भी खाने को क्यों नहीं दिया ? यह निर्दयता तो चुड़ैल कर सकती है ! मां नहीं |
रामू रोने लगा और चुड़ैल से बोला मेरे मा बाप नहीं हैं , छोटा था तब गांव वाले खाना दे देते थे, अब मैं थोड़ा बड़ा हो गया हूं सब मुझसे काम करवाते हैं और बदले में खाने को भी ठीक से नहीं देते और पिछले 3 दिनों से तो किसी ने मुझे कुछ खाने को नहीं दिया |
चुड़ैल को रामू के ऊपर दया आ गई चुड़ैल ने कहा ठीक है तुम क्या खाओगे बताओ ?
रामू बोला कुछ भी खा लूंगा आप मुझे रात की बची हुई रोटी भी दे देंगे तो भी मैं खा लूंगा | चुड़ैल उसके भोलेपन पर जोर से हंसने लगी और फिर चुड़ैल ने जादू से रामू के सामने अच्छे-अच्छे पकवान पेश किए , उनको देखकर रामू आश्चर्य में पड़ गया और भूख से बेहाल डरते हुए चुड़ैल से बोला मुझे यह खाने के लिए आपका क्या काम करना होगा ? चुडैल बोली तुम्हें कुछ करने की जरूरत नहीं है, तुम यह खाना खा लो |
रामू ने कहा यह खाना मेरे लिए है आज तक बिना कुछ काम कराए मुझे किसी ने खाना नहीं दिया | आप चुड़ैल होकर मुझे खाना दे रही हैं, यह तो मां करती है | क्या मैं आपको चुडैल मा कह सकता हूं ? चुड़ैल उसकी बातों से हैरान हो गई और बोली हां मैं तुम्हारी चुडैल मा हूं |
यह सब खाना तुम्हारे लिए है इसके लिए तुम्हें कुछ करने की जरूरत नहीं रामू खुश हो गया और उसने जल्दी-जल्दी खाना खाना शुरू किया चुड़ैल पहली बार मन ही मन बहुत संतुष्टि का अनुभव कर रही थी | रामू का पेट भर गया तो रामू चुड़ैल को धन्यवाद दिया और बोला चुडैल मां आपको कभी भी मेरी जरूरत हो तो मुझे बताइएगा मैं आपका काम करने जरूर आऊंगा |
चुड़ैल हंसने लगी और बोली मैं तो एक चुड़ैल हूं मेरे पास तो जादू है,
मैं सब कुछ अपने जादू से करती हूं | मुझे किसी काम को करने की जरूरत नहीं होती है | चुड़ैल मां बार-बार मां शब्द सुनकर चुड़ैल को बड़ी खुशी हुई जो कि इससे पहले सब उससे डरते और नफरत करते थे |
उसने रामू से कहा जब भी भूख लगे या अच्छा खाना खाने का मन करे तो तुम सीधा मेरे पास आ जाना मैं तुम्हें पेट भर के अच्छा खाना खिलाऊंगी |
लेकिन तुम्हें मुझसे वादा करना होगा रामू ने कहा कैसा वादा, चुड़ैल ने कहा ऐसा इंसान या जानवर मिले जिससे मदद की जरूरत हो तो तुम बिना सोचे उसकी मदद करोगे और बदले में उससे कुछ नहीं मांगोगे , रामू बोला ठीक है मैं वादा करता हूं, मैं अब से ऐसा ही करूंगा सबकी मदद करूंगा |
चुड़ैल बहुत सारी मिठाई देकर रामू के भेज दिया | रामू अपने घर आ गया और उस दिन से रामू गांव में सब की मदद करता लेकिन कभी किसी से कुछ नहीं मांगता और अगर कोई उसे कुछ देना चाहता तो वह कहता चुडैल मां ने मना किया है और मना कर देता |
रामू के पास फल और मिठाइयां खत्म हो जाती तो वह अपनी चुड़ैल मां के पास जाता और वहां जाकर अच्छे-अच्छे पकवान खाता और घर आते वक्त अपने लिए फल और मिठाइयां लेकर आता |
इस तरह से रामू का जीवन खुशियों से भर गया रामू के मुह से अपने लिए मां शब्द सुनकर चुड़ैल अपने अंदर बड़ा परिवर्तन महसूस कर रही थी, उसके मन में रामू के लिए मातृत्व के भाव जाग गये थे | इसलिए जब रामू को बुखार हो जाने के कारण रामू कई दिन नहीं आया तो, चुडैल मां परेशान होकर रामू को देखने गांव की तरफ चल पड़ी |
देखा कि रामू को तेज का बुखार था, उसने रामू को बिस्तर पर लिटा दिया उसे कंबल उड़ा कर और दवाई देकर वापस चली गई | किसी को भी वह दिखाई नहीं दे रही थी गांव वालों ने देखा झोपड़ी के बाहर सोते हुए रामू का शरीर झोपड़ी के बाहर से हवा में उठा और अंदर चला गया दरवाजा भी खुद ही बंद हो गया, रामू के घर भूत प्रेत का साया है | चुडैल मा रोज आती और रामू के कपड़े और घर साफ करती रामू को बिस्तर पर ठीक से सुला कर वहां से चली जाती | सारा काम होते हुए दिखता पर यह सब कौन कर रहा है यह समझ ना आता सब कहने लगे रामू पर भूत का साया है |
रामू जानता था कि उसकी चुडैल मां ही रोज आती है |
रामू का खाना भी चुड़ैल मां उसके घर पहुंचा देती थी, धीरे-धीरे यह बात गांव में फैल गई कि रामू के घर गांव के बाहर वाली चुड़ैल आती है और सब आपस में बात करने लगे कि थोड़े समय में जब रामू मोटा ताजा हो जाएगा तो चुड़ैल उसे खा लेगी |
धीरे-धीरे यह बात रामू के कानों तक आई , पहले तो रामू ने इस बात पर इतना ध्यान नहीं दिया फिर उसे लगने लगा कि कहीं यह सच तो नहीं, चुड़ैल से बात करने का निर्णय लेकर चुड़ैल के पास गया और उसने चुड़ैल से पूंछा- चुडैल मां तुम अच्छा खाना खिलाती हो, फल मिठाई देती हो, मेरा इतना ख्याल रखती हो, लेकिन तुम हो तो चुड़ैल तब तुम को मुझे खा जाना चाहिए ? फिर तुम ऐसा क्यों नहीं करती हो ?
चुड़ैल हसने लगी और बोली तुम्हें किसने कहा चुड़ैल लोगों को खा जाती है और तुम तो मुझे मां कहते हो मां अपने बच्चे को खा सकती है क्या | चुडैल बोली बताओ तुम चुड़ैल या भूत को किसी इंसान को खाते हुए देखा है ? रामू ने कहा नहीं मैंने नहीं देखा, चुड़ैल ने कहा यह सब गलत है | हम कभी किसी का बुरा नहीं चाहते हां अगर कोई हमें परेशान करे या हमारा नुकसान करना चाहे तो हम उसे सबक जरूर सिखाते हैं |
लेकिन एक बात बताओ तुम इंसान लोग भी तो यही करते हो,
इसका मतलब हम चुडैलो और तुम इंसानों में कोई फर्क नहीं हुआ | रामू को चुडैल मां की बात सही लगी और वह चुड़ैल से विदा लेकर अपने घर की तरफ चल दिया, आते समय रास्ते में रामू सोचता जा रहा था चुडैल मा ने जो बातें कहीं वह तो सब सच है |
अब गांव वालों को चुडैल मां पर कैसे भरोसा दिलाया जाए , रामू गांव में गया और उसने चुड़ैल के दिए हुए फल और मिठाई गांव में सब को बांट दिया और बोला यह फल और मिठाई चुड़ैल परी ने तुम्हारे लिए भेजी है |
गांव वालों ने हैरानी से पूछा ये चुड़ैल परी कौन है ? रामू ने बताया चुड़ैल लोगों को खा जाती है लेकिन हमारे गांव के बाहर जो चुड़ैल रहती है वह बुरी नहीं है सबकी मदद करती है और मेरी तो मां की तरह देखभाल करती है , आज तक वही मेरा सब काम करती थी और मेरे घर आकर मेरी सेवा भी करती थी , आज पूंछा उससे कि वह क्या मुझे खाना चाहती है तो उन्होंने मुझे बताया कि चुड़ैल भी हम इंसानों की तरह अच्छे और बुरे दोनों तरह की होती हैं |
जो बुरे होते हैं उन्हें चुड़ैल कहते हैं और जो अच्छी होती हैं उन्हें चुड़ैल परी कहते हैं | हमारे गांव के बाहर चुड़ैल परी रहती है उन्होंने आज तक कभी भी हमारे गांव के किसी आदमी या जानवर किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाया, बल्कि मेरी मदद करी और मेरी मां की तरह ध्यान रखा है उन्होंने मुझे यह भी सिखाया कि मैं आप सब की मदद करूं और बदले में आप सब से कुछ ना मांगू और
आज इसी के कारण धीरे-धीरे आप सब मुझसे सच में प्यार करने लगे हैं |
और मेरा ख्याल भी करने लगे हैं इसका मतलब यह है कि मैं चुड़ैल जो गांव के बाहर रहती है वह बुरी नहीं है, बल्कि एक चुड़ैल परी है | मेरी प्यारी चुडैल मां और साथ ही गांव वालों ने उसे गांव में रहने का आमंत्रण दिया और उस दिन से सब चुड़ैल से डरना बंद कर दिया , बल्कि उसे भी परिवार के सदस्य की तरह देखने लगे |
चुडैल मां रामू की देखभाल करती किसी को दिखाई ना देती , जल्द ही वह चुड़ैल, चुड़ैल मां के नाम से प्रसिद्ध हो गई और रामू के बड़े होने तक उसकी देखभाल करती रही |
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